बुढ़ापे की सनक
बुढ़ापे की सनक
बुढ़ापे की केसी सनक है ये,
आज फिर मैंने फ़िल्म देखने की जिद की
आज का दिन यू जिद से गुजर गया
आज फिर मेने उससे ,रूठने की कोशिश की है।
मोहब्बत की कोई उम्र नही होती दोस्तों,
मिल जाये पल भर में वो ,दिल लगाने की
कोशिश की है
हर पल यू गुजर रहा है ,मेरा मीठी यादों में
आज फिर याद करने की कोशिश की है।
सच है। जब लग जाये बुढ़ापे में ये सनक
आज फिर अपने बच्चों ने हमको
नादानी सी सनक पर
हमपे हँसने की कोशिश की है।