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KAVITA YADAV

Drama

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KAVITA YADAV

Drama

आई होली आई

आई होली आई

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भूल जाओ भूल जाओ अपने सारे गम

गीले शिकवा दिल मे ना लाओ

आई होली आई।


लाल पीले नीले गुलाबी जो भी प्यारे रंग

रिश्तों को मजबूत बनाओ

लगाओ मिलकर कर रंग क्योंकि

आई होली आई।


मिले नहीं बरसो से,

लगा कर दिल पर बात

हर बात को भूल जाने का,

आया फागुन माह


तेरी मेरी किसी की भी ना,

शायद कोई गलती

पर अहम के कारण दूर रहे हम,

फालतू की ये मर्ज़ी


इन मर्जी ओर घमन्ड

को करना डर किनार

गले लगाने का आया

ये प्यारा सा त्योहार

क्योंकि आई होली आई होली।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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