STORYMIRROR

KAVITA YADAV

Drama

3  

KAVITA YADAV

Drama

मौसम

मौसम

1 min
340

मौसम पल-पल बदलते हैं

फ़िज़ा भी रंगीन हो जाती है


पर लोग भी रंग दिखाते हैं

मौसम की तरह हर पल


हम समझ सकें उसे पहले ही

ना जानें क्या कह जाते हैं


बदलते मौसम ने देखो

रिश्तों में दरार ये लाते हैं


कभी ठंड कभी गर्मी तो

कभी बरसात के मौसम हैं।


कभी खुशी, कभी गम तो

हम भी कहाँ एक जैसे हैं।


पर हर मौसम का सुख

दिल से निभाना चाहिए


कोई भी बात हो दिल मे बुरी 

मौसम की तरह भूल जाना चाहिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama