बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
इश्क का जुनून कुछ इस तरह बढ़ गया
की अपने मे देखे हम तेरे को ....
बिन फेरे हम तेरे......
ना मिलने की आशा ना बिछड़ने का डर
ना आँसू की छाई कोई बहार ...
फिर भी बिन फेरे हम तेरे.....
मोहब्बत के इस मोड़ पर ,इंतजार का
नामोनिशान नही, हर पल लगे तू साथ हमारे
दुःखों ने आलम खुद मिटाया करे
बिन फेरे हम तेरे.......
ना सर पर सिंदूर,ना माथे पे बिंदी
सुहागन ना कोई सिंगार किया...
बदनामी के डर से ,चुप मेरा सारा संसार हुआ
क्युकी बिन फेरे हम तेरे.......
प्यार की कोई सीमा नही है,पर
मर्यादा का भी तो हमने पालन किया
तेरी बेरुखी की सारी यादों को
हमने अपने दिल मे रखा है......
पता है ना वापिस तू आएगा
गया जहाँ दुवारा ना वहां से मिलना हो पायेगा....
फिर भी इस जन्म तो कोई बात नही
सात जन्मों का हमारा ये वादा है तुमसे
बिन फेरे हम तेरे......
बिन फेरे हम तेरे......