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Ajay Prasad

Drama

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Ajay Prasad

Drama

बुढ़ापा

बुढ़ापा

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आइना मुझ से अक़्सर ये सवाल करता है

कौन अब इस घर में तेरा ख्याल करता है ?


कौन सुनता है भला चिखें तेरे नसीहतों की ?

क्यूँ बेवज़ह ही फिर तू ये बवाल करता है ?


उम्र ढल गई शबो-रोज़ जुगाड़ के ढलानों पे

जो मिला नही ,उसका क्या मलाल करता है ?


तक सीम हो के रह गया तू अपने औलादों में

वक्त भीअब तूझे टुकड़ों में इस्तेमाल करता है।


सांसों को है इन्तज़ार अब आखिरी नेमत का

देखें खुदा किस दिन मुझे मालामाल करता है।


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