Ajay Prasad
Drama
जैसी नियत
वैसी वरकत।
छोड़ नफ़रत
कर मुहब्बत।
दिल लगा कर
पाले जन्नत।
धर्म, मज़हब
बस है फितरत।
आओ हम तुम
जोड़े रगवत।
मिल के रहना
अपनी चाहत।
हम हैं जिंदा
उसकी रहमत।
ज़िंदगी क्या
रब की नेमत।
फ़िर अजय तू
कर ले उल्फत।
बहुत है
कविता पेट नही...
तू बता
मानो
बौना कर देंगे
ज़िंदगी
जान जाओगे
बिन फेरे हम त...
ओढ़ ली है कफ़न
नियत
थकी - थकी - सी है यह बेज़ार ज़िंदगी अब इसे थोड़े आराम की ज़रूरत है पसीने - पसीने हो गई है जल - जल के..... थकी - थकी - सी है यह बेज़ार ज़िंदगी अब इसे थोड़े आराम की ज़रूरत है पसीने - पसीने ह...
सूर्य मुस्कुराकर, खुद छिप जाएगा, कि तारों की रौशनी ही, अब इस जहाँ को, नई राह दिखलाएगी! सूर्य मुस्कुराकर, खुद छिप जाएगा, कि तारों की रौशनी ही, अब इस जहाँ को, नई राह दिख...
जो मैं लिखता हूँ...। जो मैं लिखता हूँ...।
एक गज़ल...। एक गज़ल...।
जैसे पंछी अँधेरे होते लौट आते तुम भी घर लौट आना बेटा तुम लौट आना इस दिवाली लौट आना अपने हाथो से ... जैसे पंछी अँधेरे होते लौट आते तुम भी घर लौट आना बेटा तुम लौट आना इस दिवाली लौ...
मुझमे राम भी बसे और खुदा भी मेरा भरोसा है जीसस और ईमान गुरु नानक भी... मुझमे राम भी बसे और खुदा भी मेरा भरोसा है जीसस और ईमान गुरु नानक भी...
जब तुम लिखना बंद करो, शाम हो जाए, ज़िन्दगी की, ढल जाएँ हम संग-संग, चलो लिखते हैं तब तक! जब तुम लिखना बंद करो, शाम हो जाए, ज़िन्दगी की, ढल जाएँ हम संग-संग, चलो लिखते हैं ...
लोहे ने तुझे बनाया है अपने को खूब तपाया है दृढ़ हौसला पाया है तुझे जीतना भाया है, मन में कुछ ठान... लोहे ने तुझे बनाया है अपने को खूब तपाया है दृढ़ हौसला पाया है तुझे जीतना भाया...
मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना, कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना...! मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना, कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना...!
ना जाने क्या है जो मुझे जाने नहीं देता, एक एहसास है जो तुमसे दूर होने नहीं देता। ना जाने क्या है जो मुझे जाने नहीं देता, एक एहसास है जो तुमसे दूर होने नहीं द...
मैं सब यादों को दिल में बसा के चला हूँ...। मैं सब यादों को दिल में बसा के चला हूँ...।
जननी है यह जीवन की धारा, जीवन का उद्देश्य बताती है । जननी है यह जीवन की धारा, जीवन का उद्देश्य बताती है ।
वो जिनकी आँँखों में मायूसी के लिए कोई जगह ही नहीं अपनी पलकों में सिर्फ़ जुनून लिये वो लोग जहाँँ म... वो जिनकी आँँखों में मायूसी के लिए कोई जगह ही नहीं अपनी पलकों में सिर्फ़ जुनून ...
क्यूँकि वो नाजायज़ था क्यूँकि वो नाजायज़ था
शांत चेहरे की मुस्कुराहट...। शांत चेहरे की मुस्कुराहट...।
इस सरज़मीं पे ज़ुबान-ए-मोहब्बत सही या दास्तान-ए-सितम सही मेरे रहनुमा...? इस सरज़मीं पे ज़ुबान-ए-मोहब्बत सही या दास्तान-ए-सितम सही मेरे रहनुमा...?
एक मर्मस्पर्शी कविता...। एक मर्मस्पर्शी कविता...।
बस लक्ष्य को अपने अंकित कर ले, तू आगे बढ़ जाएगा बाधाओं का हरण तू करके, ध्वजा विजयी लहरायेगा...! बस लक्ष्य को अपने अंकित कर ले, तू आगे बढ़ जाएगा बाधाओं का हरण तू करके, ध्वजा ...
भूखा भिखारी...। भूखा भिखारी...।
चम चम करता ताज है बेटी हमको तुझ पर नाज़ है बेटी । चम चम करता ताज है बेटी हमको तुझ पर नाज़ है बेटी ।