STORYMIRROR

Ajay Prasad

Drama

3  

Ajay Prasad

Drama

नियत

नियत

1 min
267

जैसी नियत 

वैसी वरकत।

छोड़ नफ़रत 

कर मुहब्बत।


दिल लगा कर 

पाले जन्नत।

धर्म, मज़हब 

बस है फितरत।


आओ हम तुम 

जोड़े रगवत।

मिल के रहना 

अपनी चाहत।


हम हैं जिंदा 

उसकी रहमत।

ज़िंदगी क्या 

रब की नेमत।


फ़िर अजय तू 

कर ले उल्फत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama