बोलो ना प्रभु
बोलो ना प्रभु
बैल को दिया सिंग तूने
हाथी को दिया सूंड तूने
साँप को दिया जहर तूने
बिच्छू को दिया डंक तूने
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
शेर को दिया पंजा तूने
इंसान को दिया दिमाग़ तूने
कमल खिलाया कीचड़ में तूने
गुलाब को खिलाया कांटों में तुने
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
बड़े से पेड़ पर छोटा सा फल
छोटे से बेल पर बड़ा सा फल
बड़े से समुंदर में खारा पानी
छोटे से नदी में पीने का पानी
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
जागने को दिन तूने बनाया
सोने के लिये रात बनाई
पैसे के लिये इंसान बनाया
इंसान के लिये पैसा बनाया
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
सोचने के लिये दिमाग़ बनाया
सुनने के लिये कान बनाया
बोलने के लिये मुंह बनाया
देखने के लिये आँख बनाई
फिर भी जज़्बातों के लिये दिल बनाया
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
पेड़ को बनाया घास के लिये
घास को बनाया हिरण के लिये
हिरण को बनाया शेर के लिये
शेर को बनाया कीटक के लिये
कीटक को बनाया मिट्टी में मिलने के लिये
मिट्टी को बनाया पेड़ के लिये
ये राज है क्या ये गहरा
बोलो ना प्रभु
