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Ajit Kumar Raut

Tragedy

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Ajit Kumar Raut

Tragedy

बोलने की स्वतंत्रता

बोलने की स्वतंत्रता

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देश के खाते हैं देश में रहते

गुण गाते आतंकी के,

ऐसा देश काहाँ मिलेगा उन्हें

ऐसे देश गद्दारों के।


पहचानों उन्हें भारतवासियों

जयचंद हैं देश के,

प्रश्न उठाते हैं देश विरोध में

शत्रु हैं हिन्दुस्तान के।२।


समय की मांग है अब देश में

फन काटना जरूरी,

भर देगें विष पवित्र देश में

समझना हैं जरूरी।३।


बोलने की स्वतंत्रता कहते हैं

मिलें देश शत्रुओं से,

रचते परिस्थितियों शत्रुता की

मित्रता है आतंकी से।४।


एक दिन वे देश काल बनेंगे

सोचे सरकार अब,

ऐसे लोग देश के बडे शत्रु हैं

चिंतित जनता अब।५।


सही बात हो बोलने की आजादी

देश के विरोध में नहीं,

अगर करता है कोई ही ऐसा

कभी देश भक्त नहीं।६।


देश गद्दार हैं वे जयचंद हैं

देश शत्रु हैं वे जन,

दमन करना है अति जरूरी

विषाक्त हैं वे जन।७।

राजनीति हो जन की भलाई में

पहचानो गद्दारों को,

राजनीति नहीं साथ मिलकर

भगाओ गद्दारों को।८।


आत्मनिर्भर हो आत्मविश्वास में

मिलकर कार्य करो,

उन्नतशील देश बनना उन्हें

विश्व गुरु देश करो।९।

देश के खाते हैं देश में रहते

गुण गाते आतंकी के,

ऐसा देश कहाँ मिलेगा उन्हें

ऐसे देश गद्दारों के।१०।



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