बन जाओ सहारा
बन जाओ सहारा
कोई मेरा नहीं और, अब न कोई किनारा,
आजा ओ सनम मेरी अब, बन जाओ सहारा।
बरसो बिताता हूं तेरी, मधुर यादों के सहारे,
मन तड़पता है मेरा, तुझे मिलने के लिये।
उलझन में न रखना मुझे, सपनों में न सताना,
आजा ओ सनम मेरी अब, बन जाओ सहारा।
जब से तू गई है मैरा, जीवन विराना बना है,
महकती बसंत जीवन की, पतझड़ बन गई है।
बसंत मेरी महकाना और, पतझड़ दूर कर जाना,
आजा ओ सनम मेरी अब, बन जाओ सहारा।
मिलन अधूरा छोड़कर तुं, कहां चली गई है?
ईन्तज़ार है हरपल तेरा, मुझे अब न तरसाना।
"मुरली" दिवाना तेरा मुजे, दर्द दिवाना न बनाना,
आजा ओ सनम मेरी अब, बन जाओ सहारा।