बम
बम
इस देश के बच्चे
उस देश के बच्चे
घर में, बाहर में
मंदिर में, मस्जिद में
विद्यालय में, मदरसा में
सीख रहे है केवल
पड़ोसी देश के लिए गुस्सा।
मुँह से निकल रहा है उनके
केवल
हिंसा की आग
पड़ोसी देश के लिए
गरीबों का
निर्धनों का
पेट काटकर
उनके हड्डी, मांस और खून से
बना रहे है बम।
जो विस्फोट हो रहा है
दिल्ली से लाहौर तक
मुंबई से करांची तक
अरे वो गरीबी और हिंसा के व्यापारी
दया -प्यार के दुश्मन
लोगों को मरकर आनंद करनेवाले
होशियार हो जाओ।
प्यार का महत्व को समझो
गुस्सा और हिंसा को दफना दो
और नहीं तो
तुम्हारे देश में भी बनेगा
हिरोशिमा के जैसा नगर
नागाशाकी के जैसा शहर।
