बिन्दु
बिन्दु
क्या आपने कभी महसूस किया है आपके अन्त:स्थल में
एक ऐसा बिन्दु है
अगर आप चाहें
वहां कभी भी पहुँच सकते हैं
सब कुछ बाह्य का भूल कर
बाहरी संसार से नाता तोड़ कर।
यह वह स्थान है
जो आपको शांति देता है
प्रेम का अनुभव कराता है
सुख और आनंद देता है
संघर्ष, तनाव, उलझन
सब भूलकर।
और आप हैं कि
अपने अन्तर्मन में
झांकने की बजाए,
अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने की बजाए,
चल पड़ते हैं
सहारा ढूंढने
भगवान के पास
मन्दिर, मस्जिद
कोई भी धार्मिक स्थान।
क्या भगवान को यही
काम रह गया?
उसे तो सारा
ब्रह्मांड सम्भालना है।
सात अरब से भी अधिक जनता,
हर मानव की
कोई न कोई समस्या
वास्तविक
या काल्पनिक।
आज हमा
रे यहां समारोह है
बारिश न हो, प्रभु।
मेरा फाईनल
इम्तिहान है,
बढ़िया करवा देना प्रभु।
लड़के वाले आ रहे हैं
रिश्ता पक्का हो जाए, प्रभु।
ऐसे ही बहुत कुछ
अंट शंट।
उसने आपको एक बार
जन्म दे दिया
बुद्धि, विवेक, प्रज्ञा
सब दे दिया।
बढ़िया सुन्दर शरीर बनाया
शरीर में आपको
प्रतिष्ठित कर दिया।
इतना संपूर्ण मानव बना दिया
आप अपनी समस्याओं का
हल ढूँढ ही सकते हैं, जनाब।
जब जीवन में अनुकूलता है
आप सुखी महसूस करते हो
जैसे ही समय में पलटा खाया
दुखी रहने लगते हो।
जो तुम्हारे लिए
प्रतिकूल है
दूसरे के लिए
वही परिस्थिति
अनुकूल हो सकती है।
दुनिया तुम्हारी मर्जी से नहीं
बल्कि एक बंधे बंधाए
अनुशासन में चलती है।