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Dharm Veer Raika

Horror Romance

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Dharm Veer Raika

Horror Romance

बिना सूर्य का सवेरा........।

बिना सूर्य का सवेरा........।

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लाड़ प्यार से ज्यादा जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया जाता है,

कितनी मुश्किल से कमाते हैं पैसा बचपन से यही

सिखाया जाता है,

तू लड़का है तू किसी भी हाल मैं रो नहीं सकता,

खिलौना टूटे या दिल टूटे,


पलकें भिगो नहीं सकता,  

कि एक के दिल का नूर है तू,

किसी की मांग का सिंदूर है तू,

तेरी कौन समझेगा किसे बताएगा,

अरे ! दिनभर की थकान से चकनाचूर है तू, 

कि तू मर्द है रो के दिखा नहीं सकता,


कितना भी टूटा हो दिल, तू आंसू बहा नहीं सकता,

तू दिन- रात, सुबह- शाम इन ख्वाहिशों की भट्टी में जलकर तो देख,

, तू एक बार बिना सूर्य का सवेरा बनकर तो देख। 

क्या तू देख पायेगा माता- पिता को

इस उम्र में काम करते हुए,

या देख पायेगा बीवी -बच्चों को अभाव में पलते हुए। 

तुझे राधा कृष्ण प्रेम का राग सुनाना पड़ेगा,


मन मे बसी हो राधा लेकिन रुकमणी से ब्याह रचाना पड़ेगा,

तू अपनी ही इच्छाओं पर आदर्शों का चोला पहनकर तो देख,

तू एक बार बिना सूर्य का सवेरा बनकर तो देख, 

तुझे हर घाव के जख्म को छुपाना पड़ेगा,

कुछ भी हो तुझे दुनिया के सामने मुस्कुराना होगा,


कितना दर्द है इस दिल मे इस पर हाथ रखकर तो देख,

तू एक बार बिना सूर्य का सवेरा बनकर तो देख। 


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