बिल्ली
बिल्ली
काली बिल्ली....... काजलवाली
चूराती हैं नजरे मिलाके एक बिल्ली
समझती हैं लूभाती हैं जूठी एक बिल्ली
पुचकारो तो आंखें दिखाती एक बिल्ली
चुरालो नजरें तो पुचकारती हैं एक बिल्ली
दिखाती हैं नफरत प्यार पाये ना बिल्ली
स्नान कर गंगा मे चली हज काली बिल्ली
अबे नादान चुप, दिखाती हैं औकात हरकतें तेरी
मिले मौका आईना को वक्त-बेवक्ती ्चाहते तेरी
कहीं और जा के बरस, गरजती हैं आंखें तेरी,
छूरी हैं कातिलाना नजरें, और बूरी जबान तेरी,
प्यार की फिर भी आरजू, कैसी हैं तरस तेरी,
पावर स्ट्रगल पे अभी भी, अटकी है सांसें तेरी।
