ज़िंदगी के एहसास
ज़िंदगी के एहसास
एक ज़िंदगी है और
ज़िंदगी के एहसास कितने
दूरियाँ है ज़िंदगी में
ज़िंदगी के ग़म पास कितने
ख़ुशियाँ बिक रहीं है फलक
उल्फत के ख़रीद्दार कितने
ग़मों की महफ़िल सजी है
ऐ दिल यहाँ , बीमार कितने
कौन दवा दे, इश्क़ के मारे को
कहने को तो है यहाँ बाज़ार कितने
हुआ क़त्ल है नादान हसरतों का
खून से लथपथ यहाँ हाथ कितने
एक ज़िंदगी है और
ज़िंदगी के एहसास कितने।