ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
मायूसी के घने बादल हो या ,चंद ख़ुशियों की बारिशें
तुझसे ही ऐ ज़िंदगी, जुड़ी है सारी ख्वाहिशें
तेरा होना यहाँ, मेरा भी वजूद है
क्या ज़मीन आसमान, हर जगह तू मौजूद है
के रंग कई मौसम कई, कई है आज़माइशें
जी कर तुझे होती यहाँ, पूरी हर फ़रमाइशें
कोना कोई ग़र ख़ाली हो या भीड़ सा हो ये सफ़र
प्यार से भर देती तू, हर गली और हर डगर
के चलता चले ये सिलसिला, ऐ ज़िंदगी तेरे घेरे में
तेरी बाहों के उजाले हो या आँचल के अंधेरे में
तू हमसफ़र तू हमकदम, हमदोस्त तू, शिकायतें
तू गीत है, तू संगीत भी, कलमा तू ही, तू आयतें
जी कर तुझे मुमकिन हुआ , हर मंज़िले ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी जो तू मिला, किसी बात का अब ग़म नहीं।

