फिर भी यहाँ तुम, क्यों रह रही हो ? फिर भी यहाँ तुम, क्यों रह रही हो ?
खफा रहना तो हमारी अदा नहीं चल बसा लेते है दूर दुनिया अपनी। खफा रहना तो हमारी अदा नहीं चल बसा लेते है दूर दुनिया अपनी।
बिल्ली बिल्ली
जब भी हम देखते अजीब गरीब करतब जोकर के, अनायास ही हमें हंसी आ है जाती जब भी हम देखते अजीब गरीब करतब जोकर के, अनायास ही हमें हंसी आ है जाती
हरक़तें जब से हुई हैं तेरी तालीबान सी, ज़िन्दगी मेरी बना डाली है ये अफ़ग़ान सी। हरक़तें जब से हुई हैं तेरी तालीबान सी, ज़िन्दगी मेरी बना डाली है ये अफ़ग़ान सी।
वो मासूम चेहरा वो चुलबुली हरकतें वो कलियों सी मुस्कान वो मासूम चेहरा वो चुलबुली हरकतें वो कलियों सी मुस्कान