STORYMIRROR

बिकता हुआ ईमान

बिकता हुआ ईमान

1 min
644


हादसों से भरा जहान देखिए |

ज़िन्दगी से डरा इंसान देखिए।


किसी पे उंगली उठाने से पहले,

अपना दाग़दार गिरेबान देखिए।


उड़ने की चाहत गर दिल में है,

परिंदों से भरा आसमान देखिए।


जिन पे भरोसा था उन्हीं के हाथों,

जो लुट गया वो कारवां देखिए।


कैसे लगाएं रिश्तों के पौधे,

है बंजर ज़मीं जहाँ देखिए।


दो वक़्त की रोटी के लिए,

कैसे-कैसे बिका ईमान देखिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama