बीत गया यह साल
बीत गया यह साल
खट्टे-मीठे यादों में बीत गया यह साल,
आकांक्षाएं न पूर्ण हुई यह रहा मलाल!
अब नव संकल्पों से नव वर्ष मनाएंगे,
नए साल में संकल्प पूरे हो हर हाल!!
बीत रहे वर्ष में कई ख़्वाब रहे अधूरे,
दृढ़ इच्छाशक्ति से करने उन्हें पूरे!
घर समाज के लिए करना जो चाहा,
ख़्वाब हक़ीकत में बदले अब मेरे!!
सृजन के नव आयाम मैंने चाहे गढ़ने,
साहित्य के लिए अब कदम हैं बढ़ने!
माँ शारदे से कर बद्ध है यही पार्थना,
नव वर्ष में मुझे नव सृजन है मढ़ने!!
नूतन वर्ष में हम सभी रहे ख़ुशहाल,
अराजकता हिंसा में न गुजरे ये साल!
सबके मन में हो नव चेतन का संचार,
देश समाज में न कोई रहे बदहाल!!
पूरे ईमानदारी से मैंने किया प्रयास,
अभिलाषा पूरी होने की रखी आस!
संकल्प के लिए करूँ पूर्ण समर्पण,
नव वर्ष में रच डालूँ नया इतिहास!!
बीत रहे साल में जो हुए हैं अत्याचार,
इस वर्ष में न हो कोई उसका विस्तार!
हे! प्रभु दे दो सबको सद्गुण-संस्कार,
नववर्ष में मिले ख़ुशियों का उपहार!!
