STORYMIRROR

Dr.Deepak Shrivastava

Classics

4  

Dr.Deepak Shrivastava

Classics

भवसागर

भवसागर

1 min
289

मेरी नैया हे मझदार 

देना भवसागर से पार 

ओ जनकनन्दनी के भरतार 

मेरी नैया हे मझधार

देना भवसागर से तार

मेरी नैया हे मझधार 


शबरी तारी अहिल्या तारी 

किया दोनों का उद्धार 

मेरी नैया हे मझधार 

देना भवसागर से पार

मेरी नैया हे मझधार 


बाली को तारा रावण को मारा 

किया राक्षसों का संहार 

मेरी नैया हे मझधार 

देना भवसागर से पार

मेरी नैया हे मझधार 


राम तुम्ही हो श्याम तुम्ही हो 

तुम्ही हो विष्णु अवतार 

मेरी नैया हे मझधार 

देना भवसागर से पार

मेरी नैया हे मझधार 


कंस को तारा बकासुर को मारा

तारा सब संसार 

मेरी नैया हे मझधार 

देना भवसागर से तार 

मेरी नैया हे मझधार 

देना भवसागर से पार!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics