हे नारी तुम सब पर भारी। हे नारी तुम सब पर भारी।
आदर मिला है हृदय खोलकर। मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर। आदर मिला है हृदय खोलकर। मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर।
अहिल्या हूँ, अपने चरणों से छू लो, मेरा वजूद मुकम्मल कर दो अहिल्या हूँ, अपने चरणों से छू लो, मेरा वजूद मुकम्मल कर दो
जैसे इन्द्र के छल से सती अहिल्या पाषाण हो गई थी। जैसे इन्द्र के छल से सती अहिल्या पाषाण हो गई थी।
पलक पावडे़ बिछाकर.... जो किया विश्वास पर इंतजार..... पलक पावडे़ बिछाकर.... जो किया विश्वास पर इंतजार.....
शोषण का घूंट पीकर स्वयं को रोज कोसती रही कौन सुनता है, कौन देखता है ? शोषण का घूंट पीकर स्वयं को रोज कोसती रही कौन सुनता है, कौन देखता है ?