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Ahmak Ladki

Romance

3  

Ahmak Ladki

Romance

मुकम्मल कर दो

मुकम्मल कर दो

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कोई तारीख लिख दो नसीब में मेरे,

ये इंतजार मुकम्मल कर दो


तुम्हे देखने को पथरा गयी आँखें,

अब तो दीदार मुकम्मल कर दो


अनाड़ी हूँ, जताना नही आता,

मेरा अंदाज़े बयां मुकम्मल कर दो


अहिल्या हूँ, अपने चरणों से छू लो,

मेरा वजूद मुकम्मल कर दो


इन लफ़्ज़ों में हरारत है तुमसे,

मेरा ये बुखार मुकम्मल कर दो


पत्थर दिल पिघला लो अपना,

मेरी आँखों की बेबसी मुकम्मल कर दो


महज़ तुम्हारे अल्फ़ाज़ो से बुझ जाएगी,

मेरी प्यास मुकम्मल कर दो


रूह पर अख्तियार कर लो,

मेरी मुहब्बत मुकम्मल कर दो


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