STORYMIRROR

Anil Jaswal

Abstract

4  

Anil Jaswal

Abstract

भयंकर महामारी फैली।

भयंकर महामारी फैली।

1 min
24.8K

दुनिया है हरफन मौला,

लेकिन महामारी ने इस को डोला,

कहीं कहीं तो इतना ग़दर,

शहर बने कब्रिस्तान,


सड़कें हो गई सुनसान,

अधिकतर दुनिया में हुआ लोकडाऊन,

सब चले गये घरों के अंदर,

रखने लगे सोशल डिस्टैंस,

आपस में मेल-मिलाप हुआ बंद।


इसी तरह चिन्हित हुई जगह,

जहां थी महामारी खुल्लमखुल्ला,

विश्व समुदाय ने भी खुब जोर लगाया,

तब जाके कुछ राहत पाया,


अभी भी बहुत समस्या,

विज्ञानिक दिन-रात लगे,

उपचार की खोज करने,

उम्मीद कुछ बनेगी बात,

तभी हो पाएगा विश्व कल्याण।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract