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प्रभात मिश्र

Romance Inspirational

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प्रभात मिश्र

Romance Inspirational

भूला बिसरा इश्क

भूला बिसरा इश्क

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कुछ कही अनकही

 कुछ सुनी अनसुनी 


हम में जीवित कहीं

आप में खो गयी


एक एहसास वो 

जादुई सा कहीं


एक आभास वो

मखमली मखमली 


वो पुरवाईयों की

चुभन का मजा 


बारिशों में नहाने का

अपना नशा


हैं मुकम्मल कहाँ 

इश्क की दास्तान


कुछ छूई अनछुई 

कुछ दिखी अनदिखी


कुछ कही अनकही

कुछ सुनी अनसुनी


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