STORYMIRROR

राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

4  

राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

भूख

भूख

1 min
197

भूख 

का राक्षस 

जाग उठा है ?

राष्ट्र में कोहराम मचा है ?

भूख प्यास से बेरोजगारी छा गई

भूखमरी से कैसी ये कुपोषण छाई


भूख

से उपजी 

भूखमरी इन 

दोनो से अभिशापित

हम भिखारी है समाज 

के लिए एक विडम्बना है।

और कुपोषित हम भिखारी है।

ये कैसी विपदा और यह बीमारी है


घास 

फूस के 

आंगन में तड़पत

एक संतान भूखे गिद्ध 

नोचत खा गए हाय मांँ हाय 

बापू कह प्राण निकल गए तड़प

तड़प कर भूखे हम मर गए हाय 

रे मेरे अल्लाह -हाय रे मेरे भगवान


 सरकार

 की योजनाएं

आज दम तोड़ चुके

अधिकारियों के फाइल

आज गुम हो गए हैं आज 

हम गरीबों को देखकर लोगों     

के फिर से क्यूं मुंह बन से गए हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action