भ्रूण हत्या
भ्रूण हत्या
भ्रूण हत्या बंद करो,
गर्भ मे बेटी माँ से कहती है।
अगर मेरे मरने से तेरा संसार आबाद रहता है।
तो मैं अपनी दुवाओं से तेरी गोद भर दूं,
मत मार बेटियों को गर्भ में ही,
सुधर जा मानव,
अब भी तेरे पास वक्त है।
नहीं तो एक दिन पश्चाताप के आसु रोएगा,
दो कुलो कि शान है बेटियां,
बेटों से तो इतना प्यार है। ... तुम्हैं
और......
मुझे तो कोख में ही मार दिया।
पत्थर सा कैसे हो गया,
माँ तेरा वो नाज़ुक मन,
माँ समाज को तो चाहिए बेटे
पर....
माँ तुने तो मुझे अपने खुन से सींचा था।
बेटी अगर झुक गई तो मीरा है।
और...
उठ गई तो झांसी है।
यह कैसी क्रूरता है।
भारत जैसे वतन मे,
मांँ तूने क्यूं किया ऐसा मेरे साथ,
मुझे इस दुनिया मे आने से पहले ही मार डाला,
एक कन्या को कोख मे मारने से बड़ा,
और.....
कोई पाप नहीं हो सकता है।
त्यागो अब भ्रूण हत्या को,
बंद करो अब भ्रूण हत्या को।।