भ्रम
भ्रम
बेटियां होतीं हैं देवी का रूप
किस कदर हमारे चारों तरफ लोगों ने ये भ्रम फैला रक्खा है,
मार देते हैं अपने घर की कोख में जिनको
दूसरों की बेटियों को पूज मन में बेटा होने की मन्नत को मान रक्खा है।
फिर उसी बेटे को ब्याहेगे ये किसी बेटी संग
बदले में दहेज पाने की आस को लगा रक्खा है।
जो ना हुई ये आस पूरी तो फिर उसी देवी को
चरित्रहीन बता घर से निकालने का या फिर
उन्हे जिन्दा जलाने का प्रोग्राम बना रक्खा है।
भ्रम में जीतीं है बेटियां पूरे जीवन भर कि
"ये घर परिवार मायका ससुराल उनका है,,
पर मुसीबत में कोई सहारा न मिलने पर खुदको
घुट- घुट कर जीने को मजबूर बना रक्खा है।
