भले ही ज़्यादा कमाई न दे
भले ही ज़्यादा कमाई न दे
भले ही ज़्यादा कमाई न दे
मगर अपने प्रेमी को बेवफ़ाई न दे
भरोसा तुम्हीं पर है रहता सदा
हमें जब कभी कुछ सुझाई न दे
सिखाए जो नफ़रत ही नफ़रत महज़
किसी को भी ऐसी पढ़ाई न दे
बुलंदी न देना तू ऐसी कभी
ज़मीं भी जहां से दिखाई न दे
मैं नेकी की राहों में 'कुमार' चलूं
मुझे नेक पथ से रिहाई न दें
दिसम्बर की सर्द रात और तेरी इश्क़ से आनाकानी,
मुझको तो चलो ठंड लगेगी, पर तुम को पाप लगेगा रानी..!