यदि हम इतना समझ चुके हैं तो फिर आनाकानी क्यों है ? यदि हम इतना समझ चुके हैं तो फिर आनाकानी क्यों है ?
भरोसा तुम्हीं पर है रहता सदा हमें जब कभी कुछ सुझाई न दे भरोसा तुम्हीं पर है रहता सदा हमें जब कभी कुछ सुझाई न दे