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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

"भजनलाल जाल"

"भजनलाल जाल"

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भजनलाल तेरा जाल,बुरा हुआ हम रीट अभ्यर्थियों का हाल

न सुर,न ताल फिर भी बेईमानो को भा रहा है,तू भजनलाल

कुछ-चक्कर मे लाख भविष्य दिये बिगाड़, वाह रे भजनलाल

बड़े हाथी कारण,छोटे जीवो का चारा खा गया तू भजनलाल


भजनलाल साथी बत्तीलाल,वो कौनसा कम कर रहा कमाल

किरोड़ी ने पहले ही कहा,रीटपेपर लीक में हाथ भजनलाल

पूंछ रहा अभ्यर्थी गैर सरकारी प्रदीप को क्यो बनाया,कॉर्डिनेटर

शिक्षा संकुल में,पेपर सुरक्षा में चार चोरों को कहा,करो देखभाल


रामकृपाल परीक्षा पूर्व पेपर चोर लाया बेच दिया,दयाराम हाथ

सवा करोड़ में बेचा,रीट अभ्यर्थी भविष्य,चोर हुए मालामाल

झारोली जी आपने क्यों गैर सरकारी शख्स को दिया सुरक्षा बाल

आज हम बेरोजगारो की नही देख रहा है कोई भी यहां पर बाल


वाह रे सरकार,क्या चोर सफल होंगे,हम मेहनती रोएंगे हरसाल

जल्द कर लो सुधार सरकार न तो राज्य में आएगा ऐसा भूचाल

दब जाएंगे,बड़े-बड़े महल,इमारतें जिस पर तुम करते हो नाज

हम न डरपोक बाज,हम मेहनती पत्थर का पिघला देते गाल


पर बहुत कीमती होता है,मेरी गहलोत सरकार,हर साल

उन्हें पूंछो जो रातों को जागते,छोड़ हुए,घर का खाना कई साल

मिटाओ सरकार,आप तो हर महकमे से भ्रष्टाचार का बाल

जिसकी भी हो भूमिका चाहे हो खास,खींच लो उसकी खाल


याद रखो,आने वाला,चुनावी साल हमारी भी कम न तादाद

भजनलाल जैसे लोगो को आप सरकार मारो ऐसी लात,

याद आय जाये उसे नानी,आंखों से बह जाये उसके पानी

बात मानो किरोड़ी,सरकार चोरों को दो सजा,रूप धरो विकराल


तेरी तभी जय कहेंगे,राजस्थान सरकार जब भूल लेगी तू सुधार

भजनलाल,रामकृपाल,दयाराम जैसे लोगों को सजा दे,खतरनाक

तिल-तिल मरे,पड़े प्लास्टिक कीड़े,छीनते जो बेरोजगारों की दाल

भजनलाल तुझे मिले नर्क,साथ तेरे साथी खा रहे,जो हराम माल


एस ओ जी आप भी करे जल्द से जल्द चोरों का पर्दाफाश

जिससे हम बेरोजगार लोगो के साथ हो सके उचित न्याय

ऐसी सजा दो,सरकार रीट पेपर लीक में जिसका भी हो बाल

ताकि भविष्य में फिर कोई न फैला सके भजनलाल जैसा जाल।



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