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Mamta Singh Devaa

Inspirational

4  

Mamta Singh Devaa

Inspirational

भारतवासियों का भारत

भारतवासियों का भारत

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हम सब भिन्न-भिन्न धर्मों से हैं

पर एक देश के वासी हैं

गंगा हमारे पैर पखारती

हिमालय करता चौकसी है ,


तरह-तरह की भाषा है

उतने ही परिधान हैं

उपर से हम भले अलग हों

भीतर एक समान हैं ,


मिल जुलकर हम रहते हैं

रिश्तों में बंधे हुए हैं

कोई अलग नही कर सकता

सब इतने सधे हुए हैं ,


कितनी भी विपदा आ जाए

विचलित नही कभी हुए हैं

थोड़ा कम-ज़्यादा सहकर

हमेशा साथ सभी हुए हैं ,


ये देश हमारा भारत है

जो संस्कृति की पहचान है

ये हमारी मातृभूमि

हम इसकी संतान हैं ,


इसके मस्तक को ऊंचा रखकर

करते हम अभिमान हैं

हर कीमत पर रक्षा करते

होते हम कुर्बान हैं ,


हमारी माॅं का आंचल सदैव

गर्व से लहराता है

हमारा प्यारा तिरंगा माॅं से

लिपट-लिपट जाता है ।



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