भारतीय नारी
भारतीय नारी
सजी धजी सी भारी भारी रेशमी साड़ी मे
लगती थी वो एक अबला नारी मे।।
आधुनिक युग का आगाज हुआ
नारी का सदी से सूट मैं अवतार हुआ।
अब नारी आ गई अपनी पूरी जिम्मेदारी मे
सबल बन खुद ही खड़ी हो गई अपनी पहरेदारी में।
वाह!भारतीय नारी तुमने क्या खूब है रूप धरा
नत्मस्तक है तुम्हारे आगे ये समुचित धरा।
अब पहन पहन कर शॉर्ट्स तुम अब
मत कलयुग का आगाज करो
कोहिनूर हो इस भारत का
इतना तो तुम घ्यान करो।
