ये देश है
ये देश है
ये देश है, वीर जवानों का
वीरों का और वीरांगनाओं का
इस देश के यारों क्या कहने
हर जन हैं इसके गहने।
हर जन इस देश के देखो-2
नए नए रंग मैं सजते है
सजकर एक नए रंग मे
इस देश का प्रतिनित्व करते है
इस देश के यारो क्या कहने
जन जन है, इसके गहने
आज कहानी मे देश के
अपने बतलाती हूँ
हर रंग के जन जन से
तुम्हारी मुलाकात कराती हूँ
लाल रंग मे हमारे देश की
वीरांगनाएं सजती है
सज कर के इस रंग मे वो
जब नजरें नीची करती है
नीची नजरों मे सबके प्रति
आदर झलकता है
भाप करके संकट गहरा जब
इसी रंग का लहु वो पीती है
बन जाती है, वो काली (मिर्च)
घर का संकट हरती है।
ये देश है वीर जवानों का
वीरो का वीरांगनाओ का
इस देश के यारों क्या कहने
सफेद रंग में देखो घर का
चौकीदार सजता है
पहिन करके धोती कुर्ता
हर रंग में रस (नमक) भरता है
कभी प्यार उसमे झलकता है (चीनी सफेद)
कभी बुद्धिमत्ता (पिला रंग) दिखलाता है
बदल बदल का रंग अपना
घर को वो सजाता है।
ये देश है वीर जवानों का
वीरो का और वीरांगनाओ का
इस देश के यारो क्या कहने
हर जन है इसके गहने
इस देश के हर घर में
छोटे पुष्प खिलते (मीठी गोलियां) है
ये पुष्प यहाँ के हर रंग मे मिलते है
(शरारती, सीधा, बुद्धिमान)
सबका उनको संरक्षण मिलता
घर की मिठास (चीनी) में वो पलते हैं।
ये देश है वीर जवानों का
वीरो का और वीरांगनाओ का
इस देश के यारो क्या कहने
जन जन हैं इसके गहने
हर जन करते हैं।
