Khalid MOHAMMED
Tragedy
सारी हसरतें पूरी हो जायेगी,
सारी ख्वाहिशे पूरी हो जाएगी,
चंद साँसों पे रुकी हुई थी ज़िन्दगी,
उनके जाने से वो भी पूरी हो जायेगी...
महंगाई
ज़िन्दगी
उलझन
मैं और मेरी प...
हमारी नज़र !
तस्वीर
वतन से कुछ न ...
किताब!
बेवफाई
ज़रूरी है!
लाल सिंदूर लाल बिंदी जो लगा ली बन सौभाग्यवती जैसे जन्नत ही पा ली। लाल सिंदूर लाल बिंदी जो लगा ली बन सौभाग्यवती जैसे जन्नत ही पा ली।
क्या समझा तुमने तुम्हें कहीं भी कुछ भी कहने का अधिकार मिल गया..? क्या समझा तुमने तुम्हें कहीं भी कुछ भी कहने का अधिकार मिल गया..?
हम लिखते हैं वो सब बातें अपनी किताबों में। हम लिखते हैं वो सब बातें अपनी किताबों में।
सोचता रहा ये मानव,पाषण से सजीव हो गया है। सोचता रहा ये मानव,पाषण से सजीव हो गया है।
शायद शायद
तुम्हारे गुरुत्वाकर्षण भरे आगोश ने…! निगल लिया मेरी आत्मा को। तुम्हारे गुरुत्वाकर्षण भरे आगोश ने…! निगल लिया मेरी आत्मा को।
इंसान ने बनाई ये सरहदें, इंसानियत की पार कर दी सारी हदें। इंसान ने बनाई ये सरहदें, इंसानियत की पार कर दी सारी हदें।
कन्या विवाह हो गया,मात-पिता खुश होय। मन में लिये उमंग वो,सपनों में रत होय।। कन्या विवाह हो गया,मात-पिता खुश होय। मन में लिये उमंग वो,सपनों में रत होय।।
ये वक्त तेरा होगा कल शायद मेरा होगा। ये वक्त तेरा होगा कल शायद मेरा होगा।
मतलबी फरेबी दुनियां में कदम अपने संभल के रखना। मतलबी फरेबी दुनियां में कदम अपने संभल के रखना।
है यह कैसी स्वतंत्रता, हैं जहाँ अभी भी हम जकड़े, जाति और धर्म की बेड़ियों में। है यह कैसी स्वतंत्रता, हैं जहाँ अभी भी हम जकड़े, जाति और धर्म की बेड़ियों ...
राजनीति भी तो नहीं रही राजनीति नीति शब्द कब का मर चुका। राजनीति भी तो नहीं रही राजनीति नीति शब्द कब का मर चुका।
लाडली तुम्हारी आज तुम्हें वही सुनाने आई, देखना आ न जाए तुम्हें भी रूलाई। लाडली तुम्हारी आज तुम्हें वही सुनाने आई, देखना आ न जाए तुम्हें भी रूलाई।
सीखा है आपसे ही हिम्मत रखना बाधाएं आयें चाहे जितनी भी बड़ी। सीखा है आपसे ही हिम्मत रखना बाधाएं आयें चाहे जितनी भी बड़ी।
एक के दो पैसे देना, मेरी तो मजबूरी है फिर भी न मिलती, ख़ाद की मंजूरी है एक के दो पैसे देना, मेरी तो मजबूरी है फिर भी न मिलती, ख़ाद की मंजूरी है
संतुलन न संभला इनका तो? एक कल्पना से सिहरन होने लगी है। संतुलन न संभला इनका तो? एक कल्पना से सिहरन होने लगी है।
सत्य ये बेहद तिक्त सा है, बिन नारी संसार रिक्त सा है... सत्य ये बेहद तिक्त सा है, बिन नारी संसार रिक्त सा है...
सारे वेद पुराण उपनिषद और सैकड़ों कृतियाँ मुझ में ही तो समाहित है सारे वेद पुराण उपनिषद और सैकड़ों कृतियाँ मुझ में ही तो समाहित है
हम मिडिल क्लास लोग हैं साहब! जिंदगी जीते नहीं बसर करते हैं। हम मिडिल क्लास लोग हैं साहब! जिंदगी जीते नहीं बसर करते हैं।
इसलिए झूठी मुस्कान के साथ रात की चादर हटा देता हूंँ। इसलिए झूठी मुस्कान के साथ रात की चादर हटा देता हूंँ।