बेटी
बेटी
बेटी कह रही गर्भ से,
मां मुझको बाहर आना है।
मैं भी देखूं दुनिया सारी,
मुझे भी प्यार पाना है।
मत मारो मुझे गर्भ में,
होती बहुत ही पीड़ा है।
बनोगे तुम पाप के भागी,
यह नहीं कोई क्रीड़ा है।
ईश्वर का अनमोल तोहफा हूं,
जो सौभाग्य से मिली मैं तुमको।
तुम दोनों की मैं लाडली बेटी,
जीने का दे दो हक मुझको।
आने दो मुझको बाहर,
मन तुम्हारा मैं तो मोह लूंगी।
मैं हूं घर की रौनक देखो,
घर को रौशन कर दूंगी।
पाठशाला भेजना तुम मुझको,
मुझे भी तो आगे पढ़ना है।
मत रोको बाहर आने से,
मुझे भी तो कुछ बनना है।
बेटी कह रही गर्भ से,
मां मुझको बाहर आना है।
मैं भी देखूं दुनिया सारी,
मुझे भी प्यार पाना है।