Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anita Sharma

Tragedy Others

4.8  

Anita Sharma

Tragedy Others

बेरंग नहीं मैं

बेरंग नहीं मैं

1 min
357


बेरंग नहीं मैं

क्यूँ बेरंग समझती है ये दुनिया

एक साथी के दूर जाने से

बिन उसके एक स्त्री का क्या

अपना कोई वजूद नहीं

सवाल उठते हैं हज़ारों इस दिल में

जिनका मिलता कोई जवाब नहीं


कहने को तो सब अपने हैं फिर

अपनेपन का क्यूँ अहसास नहीं

किस्मत को दोषी ठहराते हैं सब

नाहक ही समझाते हैं लोग

जैसे उसकी जिंदगी का अब

उसके पास हिसाब नहीं

सँवरने का हक़ तो उसे भी है

क्यूँ नज़रें उठ जाती उस पर

फिर सोचे क्यूँ वो भी उनको

जिन बातों का कोई आधार नहीं


रंग ज़िंदगी के यूँ मिट नहीं जाते

एक साथी के साथ छूट जाने से

हक़दार तो वो भी है ख़ुशियों की

बस सफ़ेद लिबास की मोहताज नहीं

क्यों बेरंग समझती है दुनिया

एक साथी के दूर जाने से



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy