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manasvi poyamkar

Tragedy

5.0  

manasvi poyamkar

Tragedy

बेहोश

बेहोश

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होश मे थे

बहोश कर गये

अपनी अदाओं

जाम से मदहोश कर गये

प्यार के एहसास में

दिवाना कर गये

राह के बेफिकिरी मुसाफिर को

मस्ताना कर गये

होश मे थे हम

हमे बेहोश कर गये

दिवानो से उलझे है

कभी नाकारा,

कभी सुलझे है

कभी चुप्पी से देते थे

दिल को आराम

आज इनही चुप्पीयो

मे उलझे हो


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