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Amit Kumar

Romance

5.0  

Amit Kumar

Romance

बेहिसाब इश्क़

बेहिसाब इश्क़

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बेहिसाब इश्क़ की दौलत

आपने खूब सम्भाली है

यह अलग बात है

आप खुद इश्क़ से

कुछ महरूम से रहे

अपनों का साथ

अपनों के साथ

अपनों के लिये

यह वो मसले है

जो आपके लिए 

बहुत खूब रहे

फिर इश्क़ ने तुम्हें

चुन ही लिया अपने लिए

अपनों के साथ

हमेशा अपनों के लिए

यह सादगी आपकी

अदायगी है आपकी

और इसी अदायगी के क़ायल

दुनिया में एक हम रहे

और बस एक तुम रहे


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