बेगाना
बेगाना
आश का दीपक बुझ जाएगा जो तू मुझसे दूर जाएगा,
जीवन के पगडंडियों पर तू मुझको तन्हा कर जाएगा।।
भूल गया जो तू मुझको खुद से अनजाना हो जाएगा,
छोड़ के मुझे मेरे हमदम तू भी बेगाना हो जाएगा ।।
तू मुझमें जिंदा रहता मुझमें ही बसर कर जाएगा,
एक आह पर मेरे हमदम दिल का हाल बताएगा।।
अब तो बता दे सांची मेरे बगैर तू कहाँ रह पाएगा,
मासूम सादगी लेकर जमाने में गुम हो जाएगा।।
तरास रही है नजरें किसको, सब चूर हो जाएगा,
काले बादलों में सिमट के बून्द बून्द गिर जाएगा।।
बिखर के तरबतर हो सब में भी रम जाएगा,
बिजली, बरखा मिल हवा संग शोर मचाएगा।।
दिल के भावों के मोती समुंदर में बह जाएगा,
नेह के लगे बंधन पल भर में चूर हो जाएगा।।