बेडिया
बेडिया
है यह रब की बनाई जोड़ियां,
या है यह इश्क की बेडिया??
समजना है काफी मुश्किल,
क्योंकि इश्क की कहा है कोई मंजिल।
जितना डूबोगे उतना गहरा है
लेकिन इश्क के समंदर में हर किसी को बस तैरना है।
सब जानते है इसे निभाना,
और इश्क किया तो कैसा पछताना??
इंसान इंसान को रोक लेगा,
पर खुदा कभी न रुकने कहेगा।
खुद को उस पर न्योछावर कर ले,
इश्क नहीं इबादत कर ले।
इश्क को इबादत बना कर देख,
वो भी दिल में लिखेगा तेरे नाम का लेख।
मत कर इतना ज़ोर अपनी और से,
तेरा सच्चा इश्क है तो निभा पूरे ज़ोर से।
यह तो है खुदा की बनाई हुई जोड़ियां,
ए इंसान, मत बना इसे अपनी बेड़िया।