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KHYATI PANCHAL

Children Stories

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KHYATI PANCHAL

Children Stories

एक गिलहरी

एक गिलहरी

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थे बगीचे में पशु पंछी अनेक,

पर मिली मुझे दोस्त कोई नेक।


सारे पशु पंछी थे अपनी धुन में मस्त,

ऐसे में आई एक गिलहरी बनके मेरी दोस्त।


देख रही थी वो मेरी थैली की ओर,

पर खाली पेट वो इशारा था मूंगफली की ओर।


छीनना नहीं आता था उसको,

तकती रही वो बैठी बैठी मुझको।


समझ कर उसकी आंखो का इशारा,

उसके आगे मूंगफली का ढेर कर डाला।


खाने में व्यस्त हो गए थी,

पर डर भी काफी ज्यादा रही थी।


प्यार से उसको मैंने सहलाया,

उसके डर को तुरंत भगाया।


खाना खा कर हो गई तंदुरुस्त,

और बन गई एक गिलहरी मेरी दोस्त।

        


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