दीया
दीया
मंदिर में जले तो प्रार्थना है,
अंधेरों का वो उजाला है,
दीपावली की खुशियां है,
नए साल की बधाइयां है,
मन्नत की ज्योत है,
प्रेरणा का प्रतीक है,
जो कर दे सबको खाख है,
वो सूरज की छोटी सी आग है,
प्यार की बहार है,
खुशियों की फुहार है,
जनाब ये वो दिया है,
जिसने हर त्योहार, हर पल,
खुद जल कर उजाला दिया है।