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KHYATI PANCHAL

Children Stories

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KHYATI PANCHAL

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गहराई में

गहराई में

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बांध कर सामान एक गाड़ी में,

सवारी निकली है मौसम सुहाने में।


वैसे तो समय नहीं मिलता किसी को,

आज बहोत कुछ कहना है दिल के करीब है उनको।


कपड़े लिए, जूते लिए, 

अलमारी में बंद खिलौने लिए,

मेरे घर आने पर जो पूंछ हिलाए तैनात रहता,

सवारी निकली है आज उसे भी साथ लिए।


सब बारी बारी दोहरा रहे हैं

की मौसम आज सुहाना है,

मौसम तो ठीक ही है

पर बाते शुरू करने का एक बहाना है।


बांध कर सामान एक गाड़ी में,

सवारी निकली है दिलो की गहराई में।

           


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