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Bhoop Singh Bharti

Action Classics Inspirational

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Bhoop Singh Bharti

Action Classics Inspirational

बढ़ता चल

बढ़ता चल

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अ देश मेरे अब बढ़ता चल।

नव पथ अपना गढ़ता चल।।


जब अतुलित तेरा बल होगा,

तब स्वर्णिम तेरा कल होगा,

ये  अंधकार  मिटेगा  सारा,

भविष्य  तेरा उज्ज्वल होगा।

हर  मुश्किल  से लड़ता चल,

अ देश  मेरे अब बढ़ता चल।


चाहे  राहों  में  बाधा आए,

पर  कदम  नहीं हटने पाए,

जिद के आगे ही जीत मिले,

ये  पग  आगे  बढ़ते  जाए।

हिम्मत  के घोड़े चढ़ता चल,

अ देश मेरे अब बढ़ता चल।


सम्मुख  पर्वत  विराट  हो,

चाहे सम्मुख कोई लाट हो,

जीवन  में  नई  उमंग  संग,

हाथों  में  सबकी  काट हो।

किस्मत अपनी तू घड़ता चल,

अ देश मेरे अब बढ़ता चल।


ये  भेदभाव  की  बीमारी,

अब  सहे  नहीं  ये नरनारी,

मौका मिले समान सभी को,

सबकी  हो सच्ची हकदारी।

कहे भारती अब पढ़ता चल,

अ देश मेरे अब बढ़ता चल।


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