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Sajida Akram

Classics

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Sajida Akram

Classics

बचपन

बचपन

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मैं बचपन को बुला रही थी,

बोल उठी बिटिया मेरी, 


नंदन वन सी खिल उठी 

यह छोटी सी कुटिया मेरी।


माँ वो कह कर बुला रही थी, 

मिट्टी खा कर आई थी,


कुछ मुख मैं, कुछ लिए हाथ मैं, 

मुझे खिलाने आई थी।


सुभद्रा कुमारी चौहान


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