बचपन..! Prompts 7
बचपन..! Prompts 7
बचपन नाम है मौज मस्ती का
बेपरवाह हो इधर ऊधर घूमने का
शैतानों की टोली बेतुकी बोली का
दादी नानी की परियों की कहानी
कल्पित कोरी कल्पना लगती सुहानी
जादू की छड़ी / सुनहली बालों वाली बुढ़ी रानी
बचपन है नाम मौज मस्ती भरे दिन।
वो जेठ की कड़कड़ाती धूप
गाँव के जमीदार का आमों का बगीचा
पेड़ों पर डाले झूले सबकुछ मानो गए भूले
एक दूजे के गले में डाले बहियाँ ढेरों बतकहियाँ
बारिस की बूँदे कागज की नईया
बागों में तितलियों के पीछे पीछे भगाना
बचपन है नाम मौज मस्ती का।
बारिश का मौसम स्कूल की छुट्टी
एक दूजे पर पानी के छीटे डालते
छई छप छई छापक छई करते बच्चे
शैतानों की आती टोली बरफ की गोली
कहाँ लौटता फिर वो दिन पुराना
बचपन कहता है जिसे जमाना।
हाँ, बचपन नाम है मौज मस्ती का
अपने मन माफिक जीने का
एक एक पल को जी लेने का
बचपन नाम है मौज मस्ती का।
