"बच्चों के सैर सपाटे"
"बच्चों के सैर सपाटे"
बच्चों को सैर सपाटे घुमाने ले जाओ।
शरारती स्कूली बच्चों का ध्यान रखियेगा।
नज़र हटी दुर्घटना घटी।
पाठशाला से जूं अजायबघर सैर पर गये।
छोटे बच्चे ईश्वर रूपी होते हैं।
एक बच्चे ने जूं में शेर के पिंजरे मेंं हाथ
डाल कर शेर को छूने कि कोशिश की।
गनीमत रही कि शेर उलटे मुंह सोया था।
झपटा नहीं मारा मुलायम हाथ स्पर्श से ज़ोर
से गुर्राया।
तब शिक्षक को बात समझ में आई।
गुरू जी ने बच्चों से कहा शेर के हाथ मत लगाओ।
बच्चों शेर हमारे हाथ को पकड़ कर काट डालता है।
फिर शिक्षक बच्चों कोआगे बढ़ने का
कह कर चिड़ियाघर दिखाने ले गये।
बाद में पार्क में घुम कर सभी बच्चे सकुशल पाठशाला लोटे।
शिक्षक ने सुबह प्रार्थना में समझाया कि
अच्छें बच्चे सदैवअपने गुरुजनों कि बात मानते हैं।
यदि हम आगे कभी जूं अजायबघर में घुमने जाएं।
तो बच्चों किसी भी जानवर को छुने कि गलती नहीं करें।
बच्चों ने गुरूजी कोआश्वस्त किया।
किआगे से हम कभी किसी भी पिंजरे में बंद जानवर को नहीं छुएंगे।
हम सभी पक्षीयों जानवरों को दुर से ही देखेंगे।