जहरीली तकरार
जहरीली तकरार
जो बच्चे हों होशियार सुन ले वो ये कहानी
जिसमें नहीं कोई डाकू चोर ना राजा ना रानी
घर में जब शादी के नये बन्धन जुड़ते हैं
तब दो अलग शक्स एक नई राह पर मुड़ते हैं
जिसमें एक नर होता है और एक नारी होती है
जिन्हें शादी के बाद की जिन्दगी बहुत प्यारी होती है
कुछ दिन खुशियों से बीते फिर होती है हलचल
छोटी छोटी बातों पर करते वो झगड़े पल पल
कभी फ्रीज टुटता है तो कभी टी वी टुटती है
कभी मियाँ रुठता है तो कभी वीवि रुठती है
इतने पर भी दोनो अलग नहीं रह सकते
झगड़े की खास वजह किसी से नहीं कह सकते
उम्र गुजरती है दोनो एक दुसरे को समझने लगते हैं
नये रिश्तो के नये बन्धन फिर सर पनपने लगते हैं
एक बार फिर से उनके घर में खुशियां छाती है
जब नन्हे मुन्ने बच्चे की रोने की अवाजे आती हैं
अब दोनो शक्स सारी पुरानी बातों को भूल जाते हैं
फिर से एक दुसरे के लियें गुलाब का फूल लाते हैं
उनके बच्चे नैक बने आज हर माँ बाप यही चाहता है
पर बच्चा तो सिगरेट पीता है और बार मे जाता है
जब उनके माँ बाप को यह बात पता चलती है
तो सोचते हैं ये उनकी परवरिश की गलती है
पर वो ये भूल जाते हैं ये आपस में तकरार की वजह है
जो उनके बुढापे के लियें एक घिनौनी सजा है
एक दिन वो अपने बच्चों पर सवाल दागते है
उनके हर गलत काम पर नजर राखते हैं
बुरी संगत में मत रहो कर लो अच्छे काम
इन्ही से होता है माँ बाप का रोशन नाम
पर बच्चे भी हैं होशियार कह देते हैं साफ
एक दुजे को करा नहीं पर कर दो हम को माफ
घर में जब हो टेंसन और होती है रोज लडा़ई
उस घर के बच्चे कैसे कर सकते हैं अच्छी पढा़ई
तो ये था लड़ने वाले घर में बच्चों की पढा़ई का जिक्र
देखो कैंसे करते है अच्छे माँ बाप बच्चो की पढा़ई की फिक्र
माँ बाप मजदूरी करते हैं बच्चो को बचपन से ज्ञान देते है़
उनके बच्चे भी बदले में उन्हे आदर और सम्मान देते हैं
बच्चे बडे़ हो जाते हैं बस पढ़ते है और लिखते
अच्छी तहजी़ब अच्छे संस्कार अपने बडो़ से सिखते हैं
एक दिन उनके माँ बाप की महनत रंग लाती है
सरस्वती ज्ञान देतीं हैं और लक्ष्मी धन बरसाती हैं
तो ये थी दो अलग अलग घरों में पढा़ई की कहानी
जिसमें था कोई हौशियार तो कोई करता नादानी
पढ़ लो इसको लिखो नहीं ले लो इस से ज्ञान
मिल सकता है तुम को भी आदर और सम्मान।