"बच्चे "
"बच्चे "
मनदर्पण तो खुद है भूला
उसको क्या पूछते हो?
खो गया विकास की आपाधापी में
बच्चे का बचपन
यहां वहां कहां ढूढते हो??
कुछ तो चुराया
इलैक्ट्रानिक खिलोनों ने
और कुछ वीडियो गेम।
बाकी बचा चुरा ले गये
नौकरी की भागदौड़ में फंसे
मां-बाप के टेम।।
बचपन के नाम अब तो बस
चाकलेट मैगी रह गये।
और भी ज्यादा दिखलाना
बहलाना हो तो
टैडीवीयर बार्बीडाल
प्रोटीन विटामिन के
पावर ड्रिंक से जुड़ गये।।
बचपने की भोली शरारतें
इमोशनल ब्लैकमेलिंग में
पता नहीं कब बदल गयी?
क्या कहें बचपने की बात
कहीं बड़े होने की चाह में
बच्चे के मन में दफन हो गयी।।