बच्चे (3)
बच्चे (3)
बच्चों की तो बोली न्यारी ।
सबको लगती प्यारी प्यारी।
सुनकर इनकी मीठी बातें-
कट जाती है पीड़ा सारी।।
सूरत इनकी भोली भाली।
रहे सदा ही मुख पर लाली।
देख खिलौने रंग बिरंगे-
पाकर खुशी बजाते ताली।।
नहीं रुलाना इन बच्चों को ।
कोमल-कोमल तन कच्चों को।
प्यार लुटाना इन के ऊपर-
मन के भोले औ सच्चों को।।
