भूख
भूख
काम नहीं मिलने से परेशान,
एक मजदूर परिवार दर दर भटक रहा था,
कई दिनों से खाना नहीं मिला था,
इसलिए,
पेट भरने बार बार पानी गटक रहा था,
घूमते घूमते एक दिन भटकते हुए,
जा पहुंचा,
अमीरों की बस्ती में यह परिवार,
मांगी थी पेट के लिए रोटी,
बदले में मिली थी, हजारों गालियां व दुत्कार,
चलते चलते भूख से बिलबिलाते बच्चे ने,
एक बंगले का गेट क्या खड़खड़ा दिया,
बैठे बैठाए सोई आफत को जगा दिया,
बंगले से निकल कर मेम साहब झल्लाई,
फिर जोर से बड़बड़ाई और चिल्लाई,
क्यों वे,
गेट किस लिए बजा रहा है,
क्या परेशान करने में मजा आ रहा है,
भूख से व्याकुल बच्चे ने हाथ फैलाया,
मेम साहब के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाया,
कुछ खाने को मिलेगा, बहुत दिनो से भूखे है,
दो रोटी मिल जाएगी तो पेट भर जाएगा,
मेम साहब चिल्लाई, गुर्राते हुए बोली
भाग यहां से, नहीं तो कुत्ता काट खाएगा,
मेम साहब ने कुत्ते को खाने के लिए कुछ बिस्कुट डाले
बच्चे की हालत देख, कुत्ते ने नहीं खाए वो निवाले,
बिस्कुट उठा बच्चा पहुंच गया परिवार के पास
खाने को देख भूखे परिवार की जगी आस
